गूगल ग्लास के नाम से जाने वाला चश्मा अपने आप में एक कंप्यूटर, स्क्रीन और माइक्रोफोन को समाहित किये हुए है. यह आपकी आंखों के सामने एक कंप्यूटर स्क्रीन होने की तरह है. गूगल ग्लास, भविष्य में पहनने योग्य तकनीक का पहला जीवंत उदाहरण है.
गूगल ग्लास क्या कुछ कर सकता है यह एक अलग बहस का मुद्दा है लेकिन यह उपकरण हाथ में पकड़े जाने वाले, जेब में रखने निकालने वाले मोबाइल से बढ़ कर है, उसका उन्नत स्वरूप है.

1946 -47 में, 700 वर्ग फीट में समाने वाले 25 टन के ENIAC कंप्यूटर से लाखों गुना अधिक क्षमता वाला मोबाईल अब हमारे पास है जो हथेली में समा जाता है. आने वाले कल में भविष्य की तकनीक द्वारा हम आँखों की पुतली सरीखा एक कंप्यूटर, गूगल ग्लास के रूप में पाने जा रहे हैं.

टर्मिनेटर श्रंखला की फिल्मों में मुख्य पात्र की भूमिका निभाते अर्नाल्ड श्वाजनेगर हमेशा एक ऐसा चश्मा पहने रहते हैं, जो फ़िल्म के कथानक में एक कंप्यूटर है.
वह मशीनी मानव अपने चश्मे की सहायता से जिस ओर भी देखता है उस दृश्य में आये व्यक्ति या जगह कासारा डाटा पलक झपकने की रफ़्तार सरीखा आँखों के सामने आता रहता है.
फ़िल्म के ऐसे दृश्यों से मुझे हमेशा ही रोमांच का अनुभव होता रहा है.
वर्षों पहले आई इन फिल्मों की ऎसी कल्पना को बाद में गूगल ने Google Goggles के नाम से साकार किया. इस तकनीक में आपको अपने मोबाईल कैमरा द्वारा किसी स्थान/ व्यक्ति/ वस्तु का फोटो लिया जाए तो उससे संबंधित सारी जानकारी मोबाईल स्क्रीन पर उभर आती है.
अप्रैल 2012 में गूगल ने घोषणा की थी कि इस तकनीक को वास्तविक रूप में चश्मे के रूप में विकसित किया जाएगा. इस गुप्त परियोजना को नाम दिया गया प्रोजेक्ट ग्लास
उसी समय आई एक रिपोर्ट का कहना था कि एंड्राइड आधारित इस चश्मे के द्वारा 3G या 4G नेटवर्क, जी पी एस तथा कुछ विशिष्ट सेंसर्स की सहायता से राह चलते ई-मेल पढ़े जा सकेंगे, फेसबुक, ट्विटर अपडेट कर सकेंगे, वीडियो-ऑडियो चैट हो सकेगी, चित्र खींचे जा सकेंगे, जिसे तुरंत सोशल मीडिया पर शेयर किया जा सकेगा. मौसम की जानकारी और नक्शों के ज़रिए रास्ता बताने की सुविधा भी होगी. संभावनाएं अनंत हैं .

गूगल ग्लास पहने एक युवती
यह चश्मा, स्मार्टफोन की तरह, अपने पहनने वाले की आवाज़ से निर्देश प्राप्त करेगा और गूगल का कहना है कि इस पर कोई विज्ञापन नहीं दिखेगा, आप जो तलाश करेंगे करेंगे वही जानकारी आपके सामने आएगी, इसी आधार पर एक डाटा बैंक तैयार होगा और आगे आपको उसी के अनुसार अपडेट दिए जाएंगे।
वैसे व्यावसायिक नजरिये से देखा जाए तो आपको कई सारे लुभावने प्रस्ताव भी मिलेंगे। जैसे कि अगर आप सड़क पर यह चश्मा पहनकर जा रहे हैं कि तभी आपको किसी रेस्टारेंट के बारे में अपने अनुभव लिखने को कहा जाएगा और अगर आप ऐसा करते हैं तो बदले में आपको मिलेगा कॉफी शॉप में फ्री कॉफी कूपन.
अगर आपने किसी उत्पाद का वीडियो बनाकर शेयर किया तो आपको उस उत्पाद की कंपनी की तरफ से उपहार या अन्य कोई प्रस्ताव भी मिल सकता है।
गूगल ने कभी नहीं बताया कि डिज़ाइन मे फ़ैशन का भी पूरा ध्यान रखे जाने वाला यह चश्मा कब तक बाज़ार में आयेगा, लेकिन अब गूगल ने घोषणा की है कि सामान्य उपभोक्तायों के लिए कैमरा, मॉनिटर, माइक्रोफोन से लैस यह अनूठा कम्प्यूटर चश्मा इस वर्ष, 2013 के अंत तक 1500 डॉलर (लगभग 80,000 रूपये) से भी कम कीमत पर उपलब्ध करवा दिया जाएगा.
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