बचपन की मासूमियत और किशोरावस्था की कल्पनाओं के दौरान कई बार मन में आता था कि मेरे मष्तिष्क में उमड़ती घुमड़ती अजीबोगरीब आकृतियाँ अगर आकार ले पातीं तो कितना बढ़िया होता. उस लाल रंग खिलौने की दो और टाँगे होती, गिफ्ट में मिले अकेले कॉफ़ी मग सरीखा दूसरा बन जाता तो जोड़ी हो जाती या फिर बबलू के ऑफिस में देखा गया शानदार फोटो फ्रेम बना लेता! मज़ा आ जाता!!
कई बार दिमाग में अजीब चीजों की आकृतियों बन जाती हैं. उन चीज़ों को हकीकत में बना पाना संभव नहीं होता, लेकिन अब भविष्य की तकनीक -थ्रीडी प्रिंटिंग से, जो भी दिमाग में चल रहा होता है, उसे बनाया जा सकता है. अब कल्पनाशीलता, मशीनों के ज़रिये साकार हो रही हैं.

हमने तो कंप्यूटर में लिखे दस्तावेज़, चित्र का प्रिंट हजारों बार लिया है. गिलास का प्रिंट, प्रिंटर से लिया तो गिलास की फोटो दिखी. लेकिन ऐसा प्रिंटर, जिससे निकला हुआ गिलास का ‘प्रिंट’ वास्तव में पानी या चाय पीने के उपयोग किया जा सके !! यह संभव है 3D प्रिंटिंग से.
अब अगर घर के वैक्यूम क्लीनर का कोई पुर्जा ख़राब हो गया. मैकेनिक को बुलाया तो पता चला कि पुर्जा लाना पडेगा. वो पुर्जा लाया जाएगा कंपनी से. कंपनी किसी कारखाने से बनवाती होगी. कारखाने वाले उस पुर्जे को बनाने के लिए बड़ी बड़ी मशीनें लगा कर धंधा कर रहे होंगे..मतलब कि समय की बर्बादी और करोड़ों अरबों खर्चे के बाद बना महंगा पुर्जा
अगर 3D प्रिंटिंग हो तो उस पुर्जे को 3D प्रिंटिंग के सहारे उसी समय घर पर ही बना लिया जाएगा. आप तो बस पुर्जे की CAD फाइल इंटरनेट ठिकाने से लीजिए और फिर 3D प्रिंटर से थोड़ी देर में वह पुर्जा तैयार और वैक्यूम क्लीनर चालू. कोई लेथ मशीन नहीं कोई घिसाई, रगड़ाई नहीं 

अब तो डॉक्टरों ने प्लास्टिक सर्जरी की बजाए आदमी का चेहरा ही बना डाला है और चीन में तो इस तकनीक से 200 वर्गमीटर इलाके में 24 घंटे के भीतर 12 घर बना डाले हैं. कॉर्नेल विश्वविद्यालय में थ्रीडी प्रिंटिंग का इस्तेमाल कर जो (रेडियो के) स्पीकर बनाए वे प्रिंटर से बाहर आते ही काम करना शुरू कर देते हैं.
ये तो एक तरह से अपने घर में एक ऐसे कारखाने की तरह है जिससे हर सदस्य अपनी पसंद का कुछ भी सामान ‘प्रिंट’ कर सकता है. भले ही इस 3D प्रिंटिंग का प्रयोग, उपयोगी वस्तुओ के निर्माण में एक बड़ा शानदार कदम है वहीं इसका प्रयोग कर हथियार निर्माण भी तो बेहद आसानी से किया जा सकता है.
अगर शुरुआत ही ऐसी है तो फिर भविष्य में क्या होगा?
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