जब मैंने पहली बार अपने एंड्राइड आधारित मोबाइल पर दिल की धड़कने नापने वाला एप्प इस्तेमाल किया तो हैरान रह गया था. ना किसी डॉक्टर की ज़रूरत ना किसी ख़ास जगह या उपकरण की! फिर मैंने पाया अनुमानित रक्तचाप बताने वाला एप्प. एक इमरजेंसी डॉक्टर मेरी जेब में था.
अब तो नागपुर निवासी मेरे बचपन के मित्र के मोबाइल पर उनका सारा मेडिकल रिकॉर्ड दर्ज़ होता रहता है और मोबाइल उन सभी डाटा को खंगाल कर उनको किसी ख़ास दवाई को सही समय लेने के बारे में याद दिलाता है. दवा खा लेने के बाद उसको बताया भी जाता है कि भई डाटा डॉक्टर! मैंने दवा खा ली ही तो मोबाइल फिर याद कराता है कि अगली दवा कब खानी है. 


जब यह तकनीक अपने शबाब पर होगी तो इसके फायदे तो बहुत होंगे. हाथो हाथ मिलती रिपोर्ट्स, चौबीसो घंटे की उपलब्धता, विस्तृत रिपोर्ट, पलक झपकते ही दसियों हजार संभावनाओं पर आधारित परिणाम, ना कहीं जाना, ना मिलने का इंतज़ार, सस्ता, सटीक निर्णय. सबसे बड़ी बात उन डॉक्टरों से छुटकारा जो किसी कमीशन, किसी लालच या स्वार्थ के वशीभूत मरीज के हित से हट कर सलाह देते हैं.
हालांकि अभी मंजिल बहुत दूर है. अभी तो डॉक्टर के बिना काम नहीं चलता. कोई दुर्घटना हो, हाथ पैर टूट जाएँ,नई बीमारी हो, हाथ का स्पर्श हो, ताज़ा शोध परिणाम हो, काम का अनुभव हो. इसके लिए तो कोई इंसानी डॉक्टर ही बेहतर है.
फिर भी विस्तृत डाटा की उपलब्धता और कंप्यूटिंग गणना के चलते भविष्य की यह मेडिकल-कंप्यूटर तकनीक ना सिर्फ सस्ती होगी बल्कि डॉक्टर्स का 80 % से अधिक काम संभाल लेगी.
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